Tuesday 22 December 2009

क्या बार बार मिलता है मनुष्य जीवन!


एनडीटीवी इमेजिन' पर चल रहा 'राज-पिछले जनम का' धारावाहिक रियल्टी शो के नाम पर जो झूठ परोस रहा है उस पर कोर्ट ने नोटिस दे दिया है। पुनर्जन्म का कोई वैज्ञानिक आधार अब तक सामने नहीं आया है। इस धारावाहिक में इस तरह का नाटक होता है जैसे कोई व्यक्ति पिछले जन्म में लौट जाता है और उसे पिछले जन्म की घटनाएं याद आती है और इस जन्म की समस्याओं का सम्बंध भी उसके पिछले जन्म से है। अव्वल तो पुनर्जन्म की अवधारणा हिन्दू धर्म में भी है लेकिन इसमें माना गया है कि बड़ी मुश्किल से किसी को मानव जन्म मिलता है जबकि इस धारावाहिक में हर व्यक्ति पिछले जन्म में मनुष्य ही होता है। तो साहब इस तरह वह वैज्ञानिक तथ्यों की तो अनदेखी कर ही रहा है पुनर्जन्म के धार्मिक विश्वासों के साथ भी छेड़छाड़ कर रहा है। रियल्टी के नाम पर इस तरह के कार्यक्रमों को कोई तो मर्यादा रखनी होगी।


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