Wednesday 18 December 2013

'बैंकों की हिंदी या द्विभाषिक पत्रिकाएं : कितनी औपचारिक, कितनी गंभीर' पर राजभाषा सम्मेलन


कोलकाता : बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कोलकाता के पार्क होटल में 'बैंकों की हिंदी या द्विभाषिक पत्रिकाएं : कितनी औपचारिक, कितनी गंभीर' पर राजभाषा सम्मेलन का आयोजन सोमवार 16 दिसम्बर को किया। सम्मेलन की अध्यक्षता  बैंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक बी.पी शर्मा ने किया। मुख्य अतिथि थे वरिष्ठ पत्रकार-लेखक डॉ.अभिज्ञात। सम्मेलन में बैंक ऑफ इंडिया, प्रधान कार्यालय के महाप्रबंधक एस.सी अरोड़ा, आरबीआई के महाप्रबंधक जीएन रथ तथा राष्टïरीयकृत बैंकों के उच्च अधिकारियों ने भाग लिया। आरबीआई के महाप्रबंधक जी. एन रथ कहा कि बैंकों द्वारा हिंदी पत्रिकाओं के प्रकाशन में कितनी भी कठिनाई क्यों न हो पर उनका प्रकाशन अवश्य जारी रखना है तथा भविष्य की चुनौतियों के लिए भी उन्हें तैयार रखना है।
सम्मेलन के आरंभ में अनिल भल्ला, महाप्रबंधक, एन. बी. जी (पूर्व), बैंक ऑफ इंडिया ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा हिंदी के विकास में अहिंदीभाषी विद्वानों व कोलकाता शहर की भूमिका को रेखांकित किया। सम्मेलन को आर. डी वशिष्ठï (इलाहाबाद बैंक), एस. एस यादव (यूनियन बैंक), के. के गुप्ता (आईओबी), सरताज मो. शकील (संपादक, तारांगण, बीओई), मित्तल (विजया बैंक) जे. के भल्ला (सेंट्रल बैंक), प्रदीप चतुर्वेदी (यूको बैंक), साइबा पात्र (सचिव, बैंक, नराकास, कोलकाता) व स्वरूप चक्रवर्ती (संपादक, एक्जिम पत्रिका) ने संबोधित किया।कार्यक्रम में सहभागिता के लिए एल. एम कुलेठा, मुख्य प्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया ने सभी प्रतिभागियों व श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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