
टीवी रियल्टी शो 'इमोशनल अत्याचार' की कलई आखिर खुल ही गयी। अब तक न्यूज मीडिया को पेड न्यूज मामले को सामाजिक कोपभाजन का शिकार बनना पड़ रहा है तो क्या रियल्टी टीवी शो विश्वसनीय हैं। हम जैसे लोगों की सीधी सादी बीवियां इमोशनल अत्याचार की करतूतों को हकीकत मान बैठती हैं और हमें रोज सुनना पड़ता है सारे मर्द ऐसे ही लुच्चे होते हैं। अब पत्नी को कौन समझाये के अंगदवा एक से बढ़कर एक सुन्दर लड़कियों को अपनी अंडरकवर एजेंट बनाकर मर्दों को रिझाने भेज देती हैं जो उनकी मर्दानगी और दिलफेंक तबीयत को खुल्लमखुल्ला चुनौती देती दिखायी देती हैं। वे बस अपनी ओर से आफर नहीं करतीं लेकिन मर्दों से आनन-फानन में दोस्ती गांठती और मिलती जुलती हैं ऐसे में शरीफ से शरीफ व्यक्ति ऊपरवाले की मेहरबानी समझ उनसे कैसे आंखें मूंदे रहे। वे बेचारे जाल में फंस जाते हैं और अंगद बेदी अपने प्रेमी की बेवफाई पर आंसू बहाती उनकी प्रेमिकाओं को सांत्वना दिलाने के लिए अपना कंधा हाजिर रखता है। तो लुच्चा कौन?
पिछले दिनों राहुल महाजन पर इसी इमोशनल अत्याचार टीम ने उनकी पत्नी व मॉडल डिम्पी गांगुली के कहने पर उनका लायल्टी टेस्ट किया। डिम्पी ने राहुल से इमेजिन टीवी के अत्यधिक लोकप्रिय शो 'राहुल दुल्हनियां ले जायेंगे' में शादी की थी।
राहुल को स्वीमिंग पूल में दो-तीन तीन हसीनाएं अंडरकवर एजेंट के तौर पर हसीनाएं उपलब्ध कराई गयीं और हैरत की बात यह थी कि राहुल शरीफ बने रहे। और डिम्पी ने पूरे गर्व से कहा कि राहुल महाजन सुधर गये हैं और उनकी लम्पट छवि मीडिया की गढ़ी हुई है। कलर्स चैनल के रीयलिटी शो 'बिग बॉस' में राहुल की शराफत पायल रोहतगी और मंदिर बेदी के साथ बार-बार उभर कर सामने आयी। अब डिम्पी को राहुल की जमकर धुनाई कर दी तो बात सामने आ रही है कि इमोशनल अत्याचार में राहुल की छवि गढ़ी गयी और संभवत: पेड थी।
22 वर्षीय मॉडल डिम्पी ने एक टीवी चैनल को बताया कि राहुल ने मेरे फोन पर आए एक संदेश का मतलब जानने के लिए मुझे जगाने के बाद गुरुवार की सुबह मेरी पिटाई की। जब मैंने उससे सोने को कहा तो वह गुस्से से आगबबूला हो गया और मुझ पर प्रहार करना शुरू कर दिया। उसने मुझे लात घूंसों से पीटा और मुझे बाल पकड़ कर खींचा।
यह दूसरी बार है जब मादक पदार्थ सेवन के अभियुक्त रह चुके राहुल पर घरेलू हिंसा का आरोप लगा है। उनके बचपन की मित्र उनकी पहली पत्नी श्वेता सिंह ने उन पर शारीरिक प्रताडऩा का आरोप लगाया था। दोनों के बीच 2008 में तलाक हो गया था।
यूं भी हम जैसे पति बेदियों से भयभीत रहे हैं। 'आपकी कचहरी' टीवी शो में किरण बेदी जिस कार्यक्रम को प्रस्तुत करती हैं उससे लोगों का भला कम होता और बुरा अधिक। पत्नियों को यह जानकारी मिलती-रहती है कि अरे यह जुल्म तो हम भी आये दिन होता रहता है, हम तो चुप रहते हैं। हमें अब चुप नहीं रहना चाहिए था।
टेलीविजन ने एक और माया संसार रच दिया है जिसकी रियलिटी और फैंटेसी कईयों के लिए intrestig/boring पर tick करने जैसा वस्तुनिष्ठ होता जा रहा है. यह सब 'शो-बिज' की मांग जो है. हितेन्द्र जी से होकर यहां पहुंचा, अच्छा लगा.
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