एक एयरलाइंस ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम की भारत के ही अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तलाशी ले ली तो हंगामा मच गया है। कहा जा रहा है कि वे देश के उन राजनीतिक हस्तियों में शुमार हैं जिनकी तलाशी नहीं ली जा सकती। एयरलाइंस ने यह तलाशी सुरक्षा कारणों से ली थी और इसमें भारत का दावा है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति को भी छूट है जबकि वह एयरलाइसं कम्पनी कहती है कि सुरक्षा मामलों में किसी को छूट नहीं दी जाती। देश के शीर्ष पदों पर बैठे कुछ लोगों की इस तरह पहले भी तलाशी ली जा चुकी है और हंगामा भी मचता रहा है। प्रश्न यह है कि सुरक्षा कारणों से ली जाने वाली तलाशी में देश के कुछ लोगों को छूट क्यों दी जाये? क्या देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति या पूर्व राष्ट्रपति को यह विशेषाधिकार दिया जाना चाहिए कि वह अन्य नागरिकों से अलग और विशिष्ट बना रहे। क्या इस प्रकार की सुविधाएं देने से देश के बाकी नागरिकों का क़द छोटा नहीं किया जा रहा है। संसद में कलाम की तलाशी को देश के अपमान से जोड़ा गया है और हंगामा भी मचा है। क्या आम जनता के अपमान का भी खयाल नहीं किया जाना चाहिए?
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