समीक्षा
-डॉ.अभिज्ञात
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पुस्तक
का नाम: फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे/
लेखिका: ई.एल. जेम्स/ प्रकाशक-डायमंड पॉकेट
बुक्स (प्रा.) लि., 10-30,
ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-2, नयी
दिल्ली-110020/
मूल्य-175 रुपये |
फिफ्टी शेड्स ट्रॉयोलॉजी ने अपने प्रकाशन के साथ दुनिया भर में धूम मचा दी। यह बेहद पढ़ी जाने वाली पुस्तकों की श्रेणी में आ गयी जिसकी विभिन्न भाषाओं में करोड़ों प्रतियां बिकीं। इस ट्रॉयोलॉजी का पहला भाग है-'फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे'। यह साहित्य की एक भोली-भाली व मासूम छात्रा एनस्टेशिया स्टील उर्फ एना एवं सफल उद्यमी क्रिस्टियन ग्रे के सम्बंधों की कहानी पर आधारित है, जिसका तानाबाना दैहिक सम्बंधों और सच्चे आत्मिक प्यार के द्वंद्व से बुना गया है। अपनी पत्रकार मित्र की बीमारी के चलते उसकी ओर से ग्रे का इंटरव्यू लेने वह पहुंचती है और वह ग्रे को अपना दिल दे बैठती है किन्तु ग्रे का व्यक्तित्व सम्मोहक होते हुए भी उसके जीवन के तौरतरीके एना की कल्पना से परे थे। वह दैहिक सम्बंधों के लिए एना को एक सेक्स गुलाम बनाना चाहता है और जबकि एना उसमें सच्चे प्यार की तलाश करती है। लगातार एक तनावपूर्ण स्थितियों में उपन्यास धीमी गति से आगे बढ़ता है। जहां ग्रे क्रमश: मन की भीतरी तहों में उतरा जाता है वहीं एना देह की भाषा को सुनना समझना शुरू करती है। भारतीय पाठकों के लिए यह एक नये विषयवस्तु के आस्वाद का उपन्यास है जिसे न तो वह अधूरा छोड़ सकता है और तीखे यथार्थ की अभिव्यक्ति के कारण ना ही लगातार उसे पढऩे की ताब रख पाता है। इसमें ग्रे का दैहिक सम्बंध लगभग मशीनी प्रक्रिया है और एना का प्यार इन सम्बंधों में रूह की तलाश करता है। यह उपन्यास की सफलता है कि ग्रे क्रमश: एना और एना क्रमश: ग्रे की दिशा में उन्मुख है, जो सम्बंधों को एक नया अर्थ देता है। दैहिक सम्बंधों के मशीनीकरण और प्रेम की वायवीयता के बीच की जगह की तलाश इस उपन्यास की एक खासियत है जिसके लिए पाठक इसे अरसे तक याद रखेंगे। इस उपन्यास में तिक्त और जटिल यथार्थ की अभिव्यक्ति जिस साफगोई से हुई है वह पाठक को स्तंभित ही नहीं आक्रांत भी करती है।
ग्रे के व्यक्तित्व की खामियां उसके स्वभाव की उपज नहीं हैं, बल्कि उसके जीवन के अनुभवों और हालत से निर्मित हैं, जिन पर वह काबू पाने की अनवरत कोशिश वह करता है। अपने स्तर पर वह एक ईमानदार व्यक्ति है और सम्बंधों में पारदर्शिता का हामी है। वह सबके साथ हमेशा यह तय करना चाहता है कि उसे और उससे जुड़े किसी व्यक्ति का आपस में क्या लेना-देना है और दोनों की सीमाएं क्या हैं? क्या करना है और क्या नहीं करना है। उसकी यह आदत जब प्रेम सम्बंधों से टकराती है तो उसकी विसंगतियां उभर कर आती हैं। झकझोर कर रख देने वाली इस ट्रॉयोलॉजी के अन्य दो भाग हैं-फिफ्टी शेड्स डार्कर एवं फिफ्टी शेड्स फ्रीड, जिसे फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे के पाठक अवश्य पढऩा चाहेंगे।
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