कोलकाताः शिव कुमार झुनझुनवाला द्वारा संचालित प्रोसेनियम आर्ट सेंटर की
ओर से उसके रिपन स्ट्रीट सभागार में कवि सम्मेलन और मुशायरा का कार्यक्रम
सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि, गायक व पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त
पुलिस महानिरीक्षक (रेलवे) मृत्युंजय कुमार सिंह ने की। उन्होंने इस अवसर
पर न सिर्फ अपनी कविताएं सुनायीं बल्कि स्व लिखित अपने भोजपुरी गीतों से भी
उपस्थित समुदाय का मन मोह लिया। कार्यक्रम में डॉ. अभिज्ञात ने पैसे
फेंको, तुम मेरी नाभि में बसो विश्वास कविताएं और देशभक्ति गीत दुश्मन के
लहू से लिखने को एक और कहानी है गीत सुनाया। वदूद आलम आफ़ाकी ने ग़ज़ल "जो
कह दिया उसे कर के दिखा दिया उसने, हाँ में मुझको तमाशा बना दिया उसने'
सुनाकर खूब तालियां बटोरी।
जितेन्द्र जितांशु ने बहुत धूप है ,काला
चश्मा साथ नही है तथा घर से घर को घर की तरफ आदि कविताएं सुनायीं। सोहैल
खान सोहैल की ग़ज़ल यूं थी- 'पत्थर पूजे या फिर निराकार है,सबका करता वो ही
बेड़ा पार है।' पलाश चतुर्वेदी ने अपनी हिन्दी व उर्दू कविताओं का पाठ
किया। कार्यक्रम का संचालन किया डॉ.बिन्दु जायसवाल एवं अरविंद कुमार सिंह
ने।
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