Friday, 15 January 2010
टूटे सरोद पर मंत्री की माफी, यह हुई न बात!
यह सुखद है कि संगीत के वाद्ययंत्र सरोद के टूटने पर एक देश के मंत्री ने माफी मांगी है। नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने सरोद वादक अमजाद अली खान से उनका वादययंत्र क्षतिग्रस्त होने पर माफी मांगी है। अहमदाबाद से विमान में सवार होने के बाद उनका सरोद क्षतिग्रस्त हो गया जिसके चलते उनको मुंबई में ललित कला अकादमी में अपनी प्रस्तुति रद्द करनी पड़ी। खान गुरुवार सुबह यहां पहुंचे और उन्हें शाम को पता चला कि उनका सरोद क्षतिग्रस्त हो गया है। एयर इंडिया के कार्यकारी निदेशक जितेन्द्र भार्गव ने भी माफी मांगी।
शुभ यह है कि हर वस्तु की गरिमा को समझा जाये। हर क्षेत्र की अपनी प्राथमिकताएं और आस्थाएं हैं और उनका महत्व भी।
खान ने अपना प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द कर दिया। उन्होने कहा कि क्षतिग्रस्त सरोद को देखने के बाद मेरा दिल टूट गया। चूंकि एयर इंडिया हमारी राष्ट्रीय विमान सेवा है, इसलिए मै कोई दावा नहीं करने जा रहा लेकिन उन्हें संवेदनशील वस्तुओं को और सतर्कता से रखना।
दरअसल हमारे यहां संवेदनशीलता का मामला नकारात्मकता से है। हम उपद्रव से बचने की जुगत को संवेदनशीलता से जोड़ते हैं। कला जगत के प्रति सकारात्मक ढंग की संवेदनशीलता नहीं है। कला-जगत से जुड़े लोगों का मान-सम्मान हो या उनके रुझान। यह सब आम तौर पर समाज में दुय्यम दर्जे की चीजें हैं, जिस पर कोई ध्यान नहीं देता। मुझे याद है प्रतिभा सिंह के संगीत का एक कार्यक्रम कुछ वर्ष पहले कोलकाता के नेताजी इनडोर स्टेडियम में चल रहा था। वहां वे ज्यादातर जिस शायर का कलाम गाने वाली थीं वह थे रज़ा जौनपुरी। लेकिन आयोजकों ने गायिका के मना करने के बावज़ूद रज़ा जौनपुरी को यह कहकर मंच से उतार दिया कि वे जब कुछ बजा ही नहीं रहे हैं तो मंच पर क्यों बैठे हुए हैं? रज़ा के मंच से उतारे जाने से मर्माहत प्रतिभा सिंह ने उसके बाद रज़ा जौनपुरी का लिखा कलाम मंच से गाया था-"तस्वीर मेरी कमरे से बाहर न फेंकिये। सूना लगेगा आपही का घर, न फेंकिये।"
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